Dhobi Ghat Yojana : केंद्र व राज्य सरकार का लगातार यही प्रयास रहता है कि किसी भी प्रकार से देश के हर नागरिक को रोजगार मिले इसके लिए सरकार ने बहुत सारी योजनायें भी शुरू की जा चुकी हैं| इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने धोबी घाट योजना की शुरुआत की है| देशभर में धोबी समाज की आबादी 11.4 करोड़ के लगभग है| dhobi ghat yojna से सरकार मनरेगा को जोड़कर क्रियान्वित करेगी| इस योजना मुख्य लाभ धोबी जाति में आने वाले लोगों को मिलेगा| सरकार द्वारा नरेगा के तहत धोबी घाट योजना को शामिल करके dhobi ghat place बनाने के आदेश दिए हैं| इस आर्टिकल में हम आपको धोबी घाट योजना के उद्देश्य तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से बताएँगे| अतः आप इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें|
Dhobi Ghat Yojana 2024
योजना का नाम | धोबी घाट योजना (DG Yojana) |
उद्देश्य | धोबी जाति |
लाभ | धोबी जाति के लोगों को रोजगार के अवसर देना |
लाभार्थी | भारत के धोबी जाति के लोग |
योजना का क्रियान्वन | मनरेगा के तहत |
योजना का कार्य | नए घाटों का निर्माण तथा पुराने घाटों की मरम्मत करना |
धोबी घाट योजना चंडीगढ़ लेटेस्ट न्यूज़
वर्षों से रिन्यूवल की ताक में अपनी निगाहें गढ़ाकर बैठे धोबी घाटों के लिए आख़िरकार सुधरने का मौका मिला है| सरकार द्वारा अब उनके पुनर्निर्माण व मरम्मत के लिए कदम उठाया गया है| सरकार ने इस वर्ष के बजट में भी धोबी घाटों के लिए राशि स्वीकृत की है| मेयर देवेश मोदगिल ने बताया कि शहर के जितने भी धोबी घाट हैं, उन्हें रिन्यूवल करने के लिए एक कमेटी का निर्माण किया जायेगा तथा शहर के पार्षद अपने-अपने एरिया में आने वाले धोबी घाटों के बारे में जायजा लेकर सर्वे करेंगे|पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-15 के धोबी घाट का आधुनिकरण किया गया है|
धोबी घाट योजना का उद्देश्य
सरकार द्वारा सर्वे के तहत पाया गया कि धोबी जाति के लोगों के लिए रोजगार के मुख्य कार्य ठप हो रहे हैं| हालाँकि इसका मुख्य प्रभाव ग्रामीण परिवेश के लोगों पर देखा गया है क्योंकि शहर के लोग तो अन्य कार्य के लिए प्रेरित हो जाते हैं और शहरों में ग्रामीण परिवेश की तुलना में रोजगार के अवसर भी अधिक रहते हैं|इस लिए सरकार ने निर्णय लिया कि मनरेगा योजना के तहत नए घाटों का सृजन और dhobi ghat redevelopment कार्य किया जाये ताकि ग्रामीण परिवेश के लोगों की भी रोजगार की समस्या न रहे| सरकार द्वारा धोबी घाट योजना के तहत कपड़ा धोने,सुखाने और पानी की व्यवस्था करने का कार्य किया जायेगा|
Dhobi Ghat yojana Delhi
दिल्ली सरकार द्वारा धोबी घाट योजना के तहत लोधी रोड पर तिन करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक सुविधा पर आधारित dhobi ghat delhi का निर्माण किया गया है| इस घाट पर एक साथ 50 धोबी इकाई कपड़ा धो सकते हैं| 54 धोबी घाटों को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बनाया जायेगा| जापान इंटरनेशनल कोपरेशन एजेंसी के माध्यम से निगम 3,00,00,000 की लागत से दो मंजिला आधुनिक धोबी घाट का निर्माण किया गया है| योजना के तहत सौर ऊर्जा के द्वारा कपड़े की धुलाई,सुखाई, तथा पानी की टंकी में पानी भरने के लिए विद्युत् के उपकरणों को चलाया जायेगा|
वर्षा जल के संग्रहण के लिए दो टैंक धरातल पर और दो टैंक छत पर बनाये जायेंगे|LPG की गैस लाइन, डीजल भट्टी, अग्निशामक यंत्र व बिना शौर वाला जनरेटर लगाया जायेगा| इन सबका संचालन धोबी यूनिट द्वारा ही किया जायेगा| पानी की बचत करने के लिए मशीनों द्वारा फ़िल्टर करके री-साइकिल किया जायेगा|
धोबी घाट योजना दिल्ली का फायदा
दिल्ली सरकार के इस सराहनीय कदम का प्रकृति को भी फायदा मिलेगा| यमुना नदी को इस योजना के क्रियान्वयन के बाद साफ सुथरा रखा जायेगा| इस योजना के तहत सूर्य उर्जा का उपयोग किया जायेगा जिससे विद्युत् की बचत होगी इसके अलावा जल की बचत भी की जाएगी| धोबियों को कम समय और उचित तकनिकी से निर्मित घाटों पर कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त होगा| धोबी घाट योजना दिल्ली के तहत धोबियों को अपनी जीविका कमाने का अच्छा अवसर मिलेगा तो वहीं शहर की जनता को समय पर कपड़े भी मिलेंगे| इस योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर के 54 धोबी घाटो का निर्माण किया जायेगा|
धोबी घाट योजना बिहार
बिहार राज्य में भी धोबी जाति के लिए जल के परंपरागत जल स्त्रोत सूखने के कारण व्यवसाय में होने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उच्च गुणवता युक्त धोबी घाट बनाने का निर्णय किया गया है| Dhobi Ghat yojana Bihar के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा धोबी घाट पर कपड़ा धोने के प्लेटफार्म, पानी के लिए नल और कपड़ा सुखाने के लिए शेड की व्यवस्था की जाएगी| सरकार द्वारा राज्य के धोबी घाटों की रिपोर्ट मांगी गयी है| इस रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा नए धोबी घाट व कुछ रिपयेर किये जायेंगे|
धोबी घाट योजना बिहार के माध्यम से राज्य के लोगों को अपनी रोजी-रोटी कमाने में होने वाली परेशानियों को दूर किया जायेगा|मनरेगा योजना के तहत सरकार ने इस कार्य को पूरा करने के लिए धोबी घाटों की संख्या, लाभुकों की संख्या तथा जलाशय से प्रभावित क्षेत्रों की रिपोर्ट मांगी है ताकि रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्य किया जा सके|
धोबी घाट के लिए नहीं देना होगा पंजीकरण शुल्क
Dhobi Ghat Yojana के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क के लिए पहले 5 हजार रुपये देने होते थे लेकिन अब सरकार द्वारा इसको पुर्णतः निः शुल्क कर दिया गया है| पहले के नियमों के अनुसार धोबियों को घाट के लिए कार्य करने हेतु ऑनलाइन लाईसेंस लेना होता था लेकिब अब इसमें भी बदलाव किया गया है| अब सिर्फ कागज पर सहमती जाएगी जिससे धोबी घाट पर कार्य कर सकेंगे| सरकार ने धोबियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है| इससे पहले सरकार द्वारा धोबियो से पांच हजार रूपये पंजीकरण शुल्क लेती थी तथा इसके अलवा एक हजार रुपये प्रक्रिया शुल्क के रूप में लेती थी | दिल्ली में धोबियों के लिए सरकार द्वारा यह शुल्क नहीं लेने का निर्णय लिया गया है | भारत में 11.4 करोड़ के करीब धोबियों की आबादी पहुच गयी है जो की दिन रात बिना शर्दी गर्मी की परवाह किये अपना काम ईमानदारी से करते हैं |
Dhobi Ghat Yojana Chandigarh
स्मार्ट सिटी की तरफ कदम बढ़ाने वाले पंजाब शहर चंडीगढ़ में भी धोबी घाट के बारे में बात की जाये तो हालत पतली नजर आती है| इसलिए धोबी घाट योजना चंडीगढ़ के तहत शहर के घाटों को रेपियर तथा उचित सुविधा युक्त बनाया जायेगा| हालाँकि शहर में केवल 8 ही धोबी घाट हैं लेकिन फिर भी इनके देखभाल के बारे में सतर्कता नहीं बरती जा रही है| हालाँकि अब सरकार द्वारा इनके लिए उचित कदम उठाकर उनको ठीक करके धोबी जाति के लिए रोजगार में सहयोग किया जा रहा है|वर्ष 2005 में धोबी घाटों के लिए सरकार द्वारा 1.50 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया था लेकिन अधिकारीयों की लापरवाही के कारण योजना का क्रिन्वयन नहीं हो पाया |
वर्ष 2008 में पहला घाट बनाया गया है| हालाँकि अब धोबी घाट योजना ने अपने कार्य में कुछ तेजी दिखाई हैं | दिल्ली में सरकार द्वारा धोबी घाट पर कपड़े धोने की अनुमति के लिए एक साल के लिए 100 रुपये तथा तिन साल के लिए 300 रुपये लिए जाते हैं |
धोबी घाट मुम्बई हर साल 100 करोड़ का टर्न ओवर
आपको जानकर हैरानी होगी की भारत में महाराष्ट्र में मुंबई के महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन के पास स्थित धोबी घाट का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये है| यह धोबी घाट अपनी विशेष आकर्षक खाशियत की वजह से जाना जाता है| आएये जानते है Mumbai Dhobi Ghat की खाश बातें-
- इस धोबी घाट का सालाना 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर है |
- यह धोबी घाट 1890 के दौर में ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था|
- इस धोबी घाट का प्रतिनिधित्व सर्वोच्च संस्था धोबी कल्याण एवं औद्योगिक विकास कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा किया जाता है|
- यह खुले आसमान के निचे दुनियां की सबसे बड़ी लोंड्री है|
- 7000 से अधिक लोग इस घाट पर हर दिन 18 से 20 घंटे काम करते हैं|
- मुम्बई के इस धोबी घाट पर हर दिन 1 लाख से ज्यादा कपड़े धोये जाते हैं|
- इस धोबीघाट पर सिर्फ 5 रुपए में एक जोड़ी कपड़े धोये जाते हैं|
- इस धोबी घाट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में भी दर्ज है |
- यह धोबी घाट विदेशी टूरिस्ट्स के लिए एक पर्यटन स्थलके रूप में भी प्रसिद्ध है|
- मलेरिया और डेंगी के मरीज इस घाट से ही सबसे अधिक मिलते हैं जिसका कारण गंदे पानी के निकास की उचित व्यवस्था नहीं होना है|
धोबी घाट स्कीम उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा राज्य के धोबियों के लिए उचित घाट बनाए जाने के लिए तथा पहले से निर्मित घाटों की मरम्मत करने हेतु कार्य शुरू किया जायेगा| धोबी घाटों के विकास के लिए सरकार द्वारा 18 फरवरी को जारी किये जाने वाले बजट में से पैसे निर्धारित किये जायेंगे| हालाँकि सरकार का राज्य के विकास के लिए बहुत प्रयास है लेकिन 18 फरवरी को जारी किये जाने वाले बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुयी हैं| आप भी अपने मोबाइल पर यूनियन बजट मोबाइल ऐप डाउनलोड करके देख सकते हैं|