Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme : मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए यह योजना शुरू की गयी है| इस योजना में सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को , जो विपुल उत्पादन देने वाली फसलों के उन्नत किस्म के बीजों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं, उनको उन्नत किस्म के बिज उपलब्ध करवाए जायेंगे| अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना मध्यप्रदेश के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता के साथ उत्पादकता व उत्पादन में वृद्धि करके अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने का अवसर भी मिल रहा है| Annapurna Krishi Prasaar Seva Yojna के माध्यम से किसानों को बिज की अदला – बदली करने का अवसर दिया जाता है, जिसमें आदिवासी लघु और सीमांत किसान अपने बिज के बदले सरकार से उन्नत किस्म व अधिक पैदावार देने वाला विपुल बिज खरीद सकते हैं|
Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme MP
के अंतर्गत आदिवासी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सीमांत व लघु किसानों को एक हेक्टेयर तक की जमीन सीमा के लिए उन्नत बिज दिया जाता है| यह बिज किसान अपने बिज के बदले ले सकता है| सरकार द्वारा यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए उठाया गया था लेकिन इसके साथ ही प्रदेश की खाद्यान्न व अन्न की स्थिति में भी बहुत सुधार हुआ है| खाद्यान्न की गुणवत्ता में बहुत बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है| किसानों को Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme का लाभ लेने के लिए बीज प्रमाणीकरण संस्थानों में पंजीयन करवाना होगा | आएये इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं|
Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme बीज अदला-बदली कार्यक्रम
- अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना बीज अदला-बदली कार्यक्रम के अंतगर्त मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को उनके बीज के बदले उन्नत किस्म का बीज उपलब्ध करवाया जाता है|
- Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme का लाभ लेने वाले किसानों के लिए उन उन्नत किस्म के बीजों को प्राथमिकता दी जाएगी,जो क्षेत्र विशेष के अच्छी उपयुक्त या प्रचलित हो|
- किसानों के लिए समय सीमा का प्रतिबन्ध नहीं है|
- किसानों को रिसर्च/ प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाया जायेगा|
- यदि रिसर्च बीज की कमी पाई जाती है तो फसल विशेष को ध्यान में रखकर किसानों की सहमती से सत्य रूप से उन्नत किस्म का बीज दिया जाता है|
- किसानों को बिज एक हेक्टेयर की सीमा तक उपलब्ध करवाया जायेगा|
- किसान जिस भी फसल का बीज लेना चाहते हैं, बदले में बराबर मात्रा में उसी फसल का बीज देना होगा|
- यदि किसान दूसरी फसल का बीज देता है तो किसान के बीज की कीमत प्रमाणित बीज की कीमत की 25% होनी चाहिए|
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लघु और सीमांत किसानों को इस योजना से बीज प्राप्त करने पर 75% अनुदान मिलता सिर्फ 25% राशि ही ली जाती है|
- उदहारण के लिए :- यदि किसान को मूंग का 1 किलो बीज खरीदना है जिसकी कीमत 120 रुपये प्रतिकिलो है, और सान उसके बदले में मोठ दे रहा है तो मोठ की मात्रा भी 1 किलो होनी चाहिए और मोठ की न्यूनतम कीमत 30 रुपये प्रतिकिलो होनी चाहिए|
अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना बीज स्वावलंबन कार्यक्रम
- अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना बीज स्वावलंबन कार्यक्रम के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लघु और सीमांत किसानों को उनकी जमीन के 1/10 भाग के रकबे के लिए प्रमाणित / रिसर्च/ उन्नत बीज उपलब्ध करवाए जायेंगे|
- ताकि किसान के पास अगले वर्ष उन्नत किस्म का बीज खुद के पास उपलब्ध हो सकें|
- किसानों को यदि प्रमाणित बीज-I वितरित किया जाता है तो अगले 2 वर्षों तक बीज की जरुरत नहीं पड़ेगी और प्रमाणित बीज-II वितरित किया जाता है तो किसानों को एक वर्ष के लिए बीज की जरुरत नहीं पड़ेगी|
- इस प्रकार कुल मिलाकर अगले तिन वर्षों तक बीज की जरुरत नहीं होगी और तिन वर्षो के बाद बीज उपलब्ध करवा दिया जायेगा|
- यदि किसान अगले ही वर्ष नयी फसल या नयी किस्म का बीज लेना चाहते हैं, तो उनके लिए बीज उपलब्ध रहेगा|
अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना बीज उत्पादन कार्यक्रम
Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme बीज उत्पादन कार्यक्रम अंतर्गत किसानों निम्न 5 चरणों में से गुजरना होता है-
1. क्षेत्र निर्धारण / फील्ड चॉइस
- इस चरण में शासकीय कृषि क्षेत्रों में 10 किलोमीटर के दायरे में सरकार द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लघु और सीमांत किसानों को उन्नत किस्म के बीज प्रमाणित-I णी के बीज उपलब्ध करवाए जायेंगे|
- किसानों द्वारा कम से कम 1/2 एकड़ जमीन और अधिकतम 1 हेक्टेयर जमीन तक की सीमा में यह अनुदान या जा सकता है|
2. पंजीयन / रजिस्ट्रेशन
- इस चरण में किसानों को योजना के अंतर्गत उन्नत किस्म का बीज खरीदने के लिए पंजीयन करवाना होगा| ताकि किसानों के पंजीयन के आधार पर सरकार बीज की उचित व्यवस्था कर सके और सभी किसानों को बीज उपलब्ध करवा सके|
3. प्रक्रिया / प्रोसेस
- इस चरण में योजना के अंतर्गत प्रक्षेत्र के आस पास के क्षेत्र में उत्पादित किये गए बीजों को ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग. स्टोकिंग, पैकेजिंग आदि भागों में अलग -अलग किया जायेगा| यदि यह सुविधा प्रक्षेत्र पर उपलब्ध नहीं हो पाती है तो किसानों के लिए बीज निगम/ अन्य संस्थानों के केंद्र पर यह सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी|
4. जिम्मेदारी / रिस्पोंसेब्लिटी
- बीज उत्पादन समिति के द्वारा उत्पादित बीज की पूर्ण जिम्मेदारी लेनी होगी| प्रक्षेत्र अधीक्षक बीज उत्पादक किसानों की मदद से इसका गठन करेगा|
- समिति के अध्यक्ष और प्रक्षेत्र अधीक्षक का संयक्त खाता बैंक में खोला जायेगा|
- यदि किसी क्षेत्र में समिति का गठन नहीं हो पाता है तो प्रक्षेत्र अधीक्षक सरकार द्वारा निर्धारित बीजों की दर के अनुसार उत्पादित बीज को विक्रय कर सकता है| सम्पूर्ण कार्य कृषि विभाग के नियमों और निर्देशों के पालन के साथ किये जायेंगे|
5. उत्पादित बीज व्यवस्था
- जब तक रिवोलविंग फंड की स्वीकृति नहीं दी जाती है तब तक उत्पादित बीज की ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग. स्टोकिंग, पैकेजिंग आदि प्रक्रिया में योजना द्वारा आवंटित राशि का व्यय किया जायेगा|
- तैयार उत्पादित बीज किसानों को उपलब्ध करवाया जायेगा| ताकि किसानों को उन्नत किस्म का बीज उचित मूल्य पर मिल सके|
अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना में शामिल खाद्यान्न फसलें
- अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना में शामिल फसलें खरीफ और रबी दोनों प्रकार की हैं| खरीफ और रबी की फसल में निम्न खाद्यान्न होंगे-
- खरीफ:- धान, ज्वार, मक्का, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी आदि|
- रबी:- गेहूं, जौ
अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा योजना रजिस्ट्रेशन
मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लघु और सीमांत किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए पहले पंजीयन/ रजिस्ट्रेशन करवाना होगा|
- योजना का लाभ लेने के लिए आपको सबसे पहले किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मध्यप्रदेश की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है|
- इसके बाद आपको कृषि योजनाएं पर क्लिक करना है|
- इसके बाद राज्य पोषित योजनाओं की सूचि में Annapurna Krishi Prasaar Seva Scheme पर क्लिक करना है|
- अब आपको योजना से जुडी सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी, जिसको पढ़कर आप इस योजना के लिए पंजीयन कर सकते हैं|