Apana Dham Apana Kaam Apana Name Yojana 2024 : देवस्थान विभाग,राजस्थान ( Devasthan Department,Rajasthan) द्वारा शुरू की गयी है| इस योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में की गयी थी| यह योजना परंपरागत तरीके से धार्मिक आस्था के प्रतीकों को फिर से जिन्दा करने के लिए शुरू की गयी है या यूँ कहें कि इस योजना का मुख्य उदेश्य मंदिरों की रिक्त पड़ी भूमियों/ अनुपयोगी संपदाओं पर जनसहभागिता से नव-निर्माण कराकर या पुनर्निर्माण कराकर धार्मिक/सामाजिक या सांस्कृतिक उपयोग/उपभोग-लायक बनाना है| इस आर्टिकल में हम अपना धाम-अपना काम-अपना नाम स्कीम के बारे में विस्तार से बताएँगे अतः इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें|
Apana Dham Apana Kaam Apana Name Yojana Overview
योजना का नाम | अपना धाम-अपना काम-अपना नाम योजना |
योजना का विभाग | राजस्थान राज्य देवस्थान विभाग , जयपुर |
उदेश्य | मंदिरों की रिक्त पड़ी भूमियों/ अनुपयोगी संपदाओं पर जनसहभागिता से नव-निर्माण कराकर या पुनर्निर्माण कराकर धार्मिक/सामाजिक या सांस्कृतिक उपयोग/उपभोग-लायक बनाना |
योजना का प्रकार | राज्य स्तरीय योजना |
योजना कीशुरुआत | वर्ष 2008 में |
अधिकारिक वेबसाइट | devasthan.rajasthan.gov.in |
Apana Dham-Apana Kaam-Apana-Name Scheme Start
अपना धाम-अपना काम-अपना नाम योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में हुयी थी| यह योजना इसलिए शुरू की गयी थी ताकि मंदिरों के अंतर्गत आने वाली रिक्त पड़ी जमीनों को नवनिर्माण करके फिर से उपयोग में लाया जा सके| इस योजना से खाली पड़ी जमीन का सही उपयोग भी किया जा रहा है|
अपना धाम-अपना काम-अपना नाम योजना का उदेश्य
देवस्थान विभाग की इस योजना का मुख्य उदेश्य मंदिरों की रिक्त पड़ी भूमियों/अनुपयोगी संपदाओं पर जनसहभागिता से नव-निर्माण कराकर या पुनर्निर्माण कराकर धार्मिक/सामाजिक या सांस्कृतिक उपयोग/उपभोग-लायक बनाना है ताकि उस जमीन का सदुपयोग हो सके|
Eligibility For Apana Dham Apana Kaam Apana-Name Scheme
- इस योजना में सहभागिता राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम के तहत पंजीकृत प्रन्यासों के माध्यम से की जा सकेगी, जिसमें देवस्थान विभाग का प्रतिनिधि भी प्रन्यासी के रूप में होगा।
- इस योजना के अन्तर्गत उपलब्ध रिक्त भूमियों/अनुपयोगी संपदाओं का विवरण परिशिष्ट ‘अ’(देवस्थान विभाग द्वारा चिह्नित मंदिर की संपदा) पर उपलब्ध है।
- अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना में रिक्त भूमियों/अनुपयोगी संपदाओं पर नव-निर्माण/पुनर्निर्माण केवल सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिये ही किया जा सकेगा, उक्त स्थानों पर समस्त गतिविधियां धार्मिक भावनाओं के अनुरूप होगी।
- इस योजना में निर्माणकर्ता प्रन्यास द्वारा कराया गया निर्माण मंदिर के भेंट स्वरूप माना जावेगा, परन्तु निर्माणकर्ता प्रन्यास को नियत अवधि अधिकतम 30 वर्ष के लिये निर्धारित शर्तों पर अनुमत उपयोग/उपभोग हेतु संचालन/प्रबन्धन का अधिकार होगा।
- इस योजना में निर्मित निर्माण संरचना का नामकरण प्रन्यास के प्रस्तावानुसार विभागीय स्वीकृति के उपरान्त रखा जाएगा।
- देवस्थान विभाग का अनुपयोगी संपदायें नियत अवधि के लिए निर्माण-संचालन-हस्तान्तरण (बी.ओ.टी.) या अनुरक्षण-संचालन-हस्तान्तरण (एम.ओ.टी.) के आधार पर पंजीकृत प्रन्यासों को दी जा सकेगी।
- यदि पब्लिक ट्रस्ट लीजशुदा भूमि पर धार्मिक/सामाजिक/जनहित कार्यों के निर्माण के अतिरिक्त व्यावसायिक प्रयोजन निर्माण भी करवाया जाता है, तो ऐसी व्यावसायिक सम्पत्ति की लीज की अवधि अधिकतम 5 वर्ष की होगी।
- लीज पर दी गई कृषि भूमि का यदि बाद में गैर कृषि प्रयोजनार्थ रूपान्तरण हो जाता है, तब भी उस भूमि पर स्वामित्व मंदिर मूर्ति का ही होगा।
- जिन सार्वजनिक प्रन्यासों को भूमि लीज पर दी जाएगी उन्हें, दर्शनार्थियों की सुविधाओं से संबंधित अन्य कार्य जैसे प्याऊ, जूते-चप्पल संभालना, सुलभ शौचालय आदि को संचालित करने की व्यवस्था का कार्य भी यथावश्यक सौंपा जा सकता है।
अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना आवेदन फॉर्म
- यदि आप अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना के लिए आवेदन करते हैं तो इसमें आपको चार भाग होते हैं, जीसमे आपको जानकारी भरनी है| आपको बता दें ये आवेदन पत्र आपको देवस्थान विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर मिल जायेगा| आप यह आवेदन पत्र निचे दी गयी लिंक से भी डाउनलोड कर सकते हैं|
- अपना धाम-अपना काम-अपना नाम योजना फॉर्म
आवेदन में भरी जाने वाली जानकारी
यदि आप अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आवेदन भरना होगा| अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना एप्लीकेशन फॉर्म में आपको निचे दी गयी जानकारियां भरनी है , जो कि निम्न हैं-
अ. आवेदक का विवरण
- आवेदक का नाम
- भामाशाह /आधार नं.
- निवास का पता
- जिला
- राज्य
- पिन कोड
- मोबाइल नं.
ब. आवेदित सम्पदा का विवरण
- मंदिर का नाम
- मंदिर का क्षेत्र
- ग्राम/वार्ड
- पता
- तहसील
- पंचायत समिति
- जिला
- राज्य
- श्रेणी :- राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार / राजकीय आत्मनिर्भर/ राजकीय सुपुर्दगी
स. आवेदित संपदा में प्रस्ताव
- निर्माण का स्वरुप व कार्य का विवरण
- निर्माण का उपयोग :- व्यावसायिक / गैर व्यावसायिक कार्य
- कंस्ट्रक्शन / निर्माण की लागत
- निर्माण का क्षेत्रफल
- निर्माण की समयावधि
- कंस्ट्रक्शन / निर्माण के उपरांत स्वयं उपयोग के लिए प्रस्तावित समयावधि
द. अन्य विवरण / सलंग्नक / अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना दस्तावेज
- प्रन्यास पंजीकरण प्रमाण-पत्र की प्रमाणित प्रति।
- निर्माण का प्लान मय अनुमानित खर्च के तकमीने सहित।
- निर्माण हेतु वांछित पूंजी का अर्जन प्लान तथा पूंजी की व्यवस्था की योजना।
- प्रन्यासियों का नाम/पता/व्यवसाय सहित विवरण।
- यदि प्रन्यास पूर्व में पंजीकृत है, तो गत तीन वर्षों के क्रिया-कलापों का मय अंकेक्षण रिपोर्ट विवरण।
- नव-निर्मित संरचना/भवन के संचालन की योजना।
अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना संपर्क सूत्र
- Apna धाम अपना काम अपना नाम योजना हेल्पलाइन नंबर पर आप किसी भी प्रकार के योजना से जुड़े सवाल का जवाब प्राप्त कर सकते हैं| इसके लिए आपको निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करना है| उसके आपके सामने सभी अधिकारियों के संपर्क सूत्र तथा जानकारी देख सकेंगे|
- अपना धाम अपना काम अपना नाम योजना कांटेक्ट नंबर
NOTE / नोट:-
- उक्त विवरण केवल सरल संकेतक है। योजना संबंधी अन्य शर्तों, प्रावधानों के लिये मूल विभागीय आदेश व परिपत्रों का अवलोकन करें। विभाग द्वारा नियमों के अध्यधीन उपनियम बनाए जा सकेंगे।
- योजना संबंधी किसी भी बिन्दु पर समस्या समाधान आयुक्त कार्यालय देवस्थान विभाग, उदयपुर से किया जा सकेगा।
- इस योजना के किसी भी दिशा निर्देश, आदेश की व्याख्या के लिये देवस्थान विभाग राजस्थान सरकार का विनिश्चय अन्तिम होगा।